फिर दिखा तेंदुआ: पिंजरा लगाने के बाद भी वन विभाग की पकड़ से है, दूर
रखवाली कर रहे किसान तेंदुआ दिखते ही उल्टे पांव भाग निकले, समूह बनाकर लाठी डंडों के सहारे किसान खेतों मेंं जाने को मजबूर
हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। फसलों की रखवाली करने के दौरान तेंदुए पर नजर पड़ते ही भयभीत हुए किसान उल्टे पांव गांव को भाग निकले। सूचना मिलते ही किसानों ने फसलों को घेरकर लगाकर तीसरे दिन भी घंटों तक खोजबीन की मगर कोई सफलता नहीं मिल पाई। बहादुरगढ़ क्षेत्र में तेंदुआ की आमद से व्याप्त हुआ खौफ कम होने की बजाए लगातार बढ़ता जा रहा है। गांव नवादा के बाहरी छोर पर बने देवेंद्र सिंह के घर में घुसकर शनिवार को दिनदहाड़े बकरी को उठा ले गया तेंदुए रात में दिखने के बाद सोमवार को भी जंगल में फसलों की रखवाली कर रहे किसानों को दिखाई पड़ गया। जिससे किसानों के होश उड़ गए और वे उल्टे पांव गांव को भाग आए। तेंदुआ दिखाई देने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी डंडे लेकर जंगल की तरफ दौड़ पड़े, जिन्होंने फसलों को घेरकर कई घंटों तक बड़ी बारीकी से खोजबीन भी की मगर तेंदुए का कोई भी अता पता लग पाना संभव नहीं हो पाया। हालांकि खेतों की मिट्टी में जगह जगह उसके पंजों के निशान स्पष्ट तौर पर दिखाई देने से नवादा समेत आसपास के गांवों में व्याप्त दहशत और भी बढ़ गई है। जिसके कारण अकेले खेतों में जाने की बजाए किसान समूह बनाने के साथ ही लाठी डंडों के सहारे पशुओं को चारा लेने जाने को मजबूर हो रहे हैं।
तेंदुए की धरपकड़ में वन विभाग बार-बार हो रहा है, विफल-
तेंदुए की धरपकड़ को वन विभाग ने गांव नवादा के जंगल में पिंजरा लगाकर उसमें कुत्ता बंद किया हुआ है, ताकि कुत्ते को अपना निवाला बनाने के लालच में तेंदुआ पिंजरे में कैद होकर पकड़ में आ सके। परंतु वन विभाग की यह कवायद तीन दिनों में भी परवान नहीं चढ़ पाई है। बहादुरगढ़ क्षेत्र में पिछले कई माह से तेंदुए का खौफ छाया हुआ है, क्योंकि लोकसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले क्षेत्र के गांव चित्तौड़ा के जंगल में गेहूं की कटाई कर रहे तीन किसानों पर हमला कर तेंदुए ने उन्हें गंभीर रूप में घायल कर दिया था। इस सूचना पर विभाग के साथ ही वाइल्ड लाइफ बोर्ड के आला अधिकारी मौके पर आ गए थे। सात जिलों की वन टीमों ने कई दिनों तक पिंजरे समेत अत्याधुनिक उपकरण लगाकर तेंदुए की धरपकड़ का प्रयास किया था, परंतु कोई सफलता न मिल पाने पर तेंदुए को क्षेत्र से बाहर भागने की बात कहकर वन विभाग ने अपना पल्ला झाड़ लिया था। अगर उसी दौरान कुछ और दिनों तक कवायद की जाती तो तेंदुए की धरपकड़ संभव हो सकती थी। रेंजर करनसिंह का कहना है कि तेंदुए की धरपकड़ को नवादा के जंगल में पिंजरा लगाया हुआ है, जिससे बहुत जल्द तेंदुआ पकड़ में आने की संभावना बनी हुई है।