जान जोखिम में डालकर लोग पार कर रहे हैं, रेलवे फाटक
हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। क्षेत्र में सुरक्षा के लिए बनाए गए रेलवे फाटकों की अहमियत को दरकिनार कर लोग फाटक बंद होने पर दोपहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर फाटक को पार करते हैं। इन लोगों को न अपनी जान की परवाह और न ही पुलिस का डर। ट्रेन गुजरने के दौरान लोगों की सुरक्षा के लिए फाटक बंद किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कुछ लोग इन सब बातों को दरकिनार करते हुए बंद फाटक के नीचे से निकलने का प्रयास करते हैं। इनमें साइकिल, स्कूटर, बाइक सवार ही नहीं बल्कि पैदल चलने वाले बुजुर्ग, महिलाएं व स्कूली बच्चे भी शामिल होते हैं। जल्दबाजी में ये लोग यह भूल जाते हैं कि उनकी नासमझी उन्हें कितनी मंहगी सकती है।अलग-अलग समय पर होने वाले हादसों के बाद भी लोग जानबूझकर अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे है। गढ़ नगर के स्याना मार्ग पर रेलवे फाटक है। यहां रेलवे कर्मी अपनी ड्यूटी के अनुसार ट्रेन आने से पहले फाटक बंद कर देते हैं लेकिन फाटक बंद होते ही लोग इसको अनदेखा कर रेलवे लाइन पार करने की कोशिश करने लगते हैं। कभी-कभी तो ट्रेन आने के बाद भी मोटरसाइकिल सवार पटरी को पार करने से बाज नहीं आते है। कई बार तो ट्रेन बहुत नजदीक आने पर भी वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालने से पीछे नहीं हटते हैं। यातायात नियमों का सरेआम उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए न तो स्थानीय प्रशासन ध्यान दे रहा है। और न ही रेलवे पुलिस प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या कहते है अधिकारी
लोगों को यातायात के नियमों का पालन करने के लिए समय-समय पर जागरुक किया जाता है। फाटक लगने के बाद जान जोखिम में डालकर फाटक पार करना कानूनी जुर्म है। ऐसे लोगों के खिलाफ रेलवे पुलिस के साथ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। -वरुण मिश्रा, सीओ गढ़मुक्तेश्वर