दस घंटे बिजली गुल रहने से लोग हुए परेशान
गर्मी और मच्छरों के प्रकोप ने उड़ा दी नींद, हजारों परिवारों को पानी की किल्लत से भी जूझना पड़ा, आरडीएसस योजना के बाद लाइन में फाल्ट के बढ़ गए मामले
हापुड़, गढ़मुक्तेश्वर। बिजली का बिगड़ा हुआ ढर्रा पटरी पर न लौटने के कारण दस घंटों तक सप्लाई गुल रहने से हर किसी को मुसीबत के साथ ही गर्मी का प्रकोप और पानी की किल्लत से जूझना पड़ा। केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत गढ़ क्षेत्र में जर्जर मीलों लंबी लाइन के तार और खोखले हो रहे सैकड़ों खंबों को बदलने के साथ ही कई नए ट्रांसफार्मर भी रखवाए जा रहे हैं। ऊर्जा निगम द्वारा इस योजना के बाद बड़े स्तर पर राहत मिलने का जो दावा किया जा रहा था, वह प्रारंभिक दौर में ही पूरी तरह फेल हो चुका है। क्योंकि आडीएसएस योजना के बाद से लाइन और ट्रांसफार्मरों में फाल्ट होने के मामलों में बड़ी तेजी से इजाफा हुआ है, जिसका खामियजा हजारों उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। फाल्ट होने से बुरी तरह रुलाती आ रही बिजली की सप्लाई मंगलवार की देर रात में गायब हो गई, जो करीब दस घंटों के बाद सुचारू हो पाई। परंतु इसके बाद भी दिनभर सप्लाई गायब होने का खेल लगातार चलता रहा। दस घंटों तक बिजली गुल होने से उमस भरी गर्मी और मच्छरों के प्रकोप ने रात की नींद उड़ा डाली, क्योंकि अधिकांश घरों में लगे इनवर्टर कुछ ही घंटों के भीतर जवाब दे गए थे। बिजली गुल रहने से नगर पालिका परिषद की पेयजल सप्लाई प्रभावित होने के साथ ही घरों में लगे सबमर्सिबस भी नहीं चल पाए, जिससे हजारों परिवारों को पानी की किल्लत से जूझते हुए हैंडपंपों का सहारा लेने को मजबूर होना पड़ा। प्रदीप कौशिक, भर्रो पंडित, प्रमोद पप्पी का कहना है कि ऊर्जा निगम पूरी तरह फेल हो रहा है, जिसके कारण बिजली क बेरुखी की समस्या आए दिन रुलाती आ रही है।
इस संबंध में एक्सईएन आनंद कुमार गौतम का कहना है कि केबिल में बस्र्ट होने के कारण मंगलवार की रात में बिजली सप्लाई प्रभावित हो गई थी, जिसे बुधवार की सुबह में सुचारू करा दिया गया है।